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इसके अलावा राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश खनिज (परिहार) नियमावली 1963 में संशोधन कर परमिट जारी करने के नियमों में संशोधन करते हुए डीएम के स्तर पर ही मिट्टी खनन का परमिट जारी करने की व्यवस्था की है. जिलाधिकारी अब एक बार में एक साल के लिए परमिट दे सकेंगे. अभी तक सिर्फ 6 माह तक के लिए ही परमिट जारी करने की व्यवस्था थी. राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में उठाए गए इन कदमों से वाणिज्य गतिविधियों में तेजी आएगी और उद्यमियों को अन्य जगहों से उत्तर-प्रदेश में व्यापार के लिए आकर्षित किया जा सकेगा.

इन्वेस्टर्स समिट : यूपी सरकार ने उद्योग-धंधों की मंजूरी के लिए नियमों में किए बदलाव, बढ़ाई सीलिंग सीमा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 21-22 फरवरी को इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है.

लखनऊ (रूपम सिंह) : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 21-22 फरवरी को इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है. इस समिट का उद्घाटन 21 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और समापन 22 फरवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा किया जाएगा. इस आयोजन में देश-दुनिया के 200 से ज्यादा कारोबारी शिरकत कर रहे हैं. सरकार को उम्मीद है कि इस आयोजन में प्रदेश में बड़े निवेश की घोषणा हो सकती है.

राजस्व संहिता संशोधन विधेयक
इस कार्यक्रम के पहले प्रदेश कैबिनेट ने उद्यमियों की मुश्किलों को दूर करने के लिए कई महत्वपूर्ण मामलों पर अपनी सहमति दे दी है. इनमें राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2018 के मसौदे को दी गई मंज़ूरी भी शामिल है. इस मसौदे में औद्योगिक निवेश के लिए ज़मीन आसानी से उपलब्ध कराई जा सकेगी.

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